कुछ अति प्रभावकारी हिन्दू मंत्र
श्री गणेश मन्त्र
पहला मंत्र है “गणेश मंत्र”। ऐसी मान्यता है कि धार्मिक कार्यों के आरम्भ में गणेश मंत्र का जाप किये बिना वह कार्य अधूरा ही रह जाता है। मंत्र है:
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ |
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ||
अर्थ:
हे! घुमावदार सूंड वाले, विशाल शरीर वाले, करोड़ सूर्यों के सामान प्रतिभाशाली देव, हमेशा मेरे सारे कार्यों को बिना किसी रुकावट पूर्ण करने की कृपा करें।
महत्त्व:
यह एक वैदिक मंत्र है जिसके कई फायदे हैं:
- किसी काम में आ रही बाधाओं को दूर करता है और सफलता की दिशा में आगे बढाता है
- शांति और शीतलता प्रदान करता है
- कार्य में तीक्ष्णता लाता है
- नकारात्मक विचारों के बुरे प्रभाव को समाप्त करता है
गायत्री मन्त्र
ॐ भूर् भुवः स्वः।
तत् सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि।
धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
अर्थ:
प्राणदायी, दुखों का नाश कर सुख प्रदान करने वाला वह जो सूर्य जैसा उज्जवल और सर्वोत्तम है एवं कर्मों का उद्धारकर्ता है, हे प्रभु! हमें आत्मचिंतन योग्य वैसी बुद्धि और शक्ति प्रदान करें ।
महत्त्व:
गायत्री, सभी पापों को मिटाने वाली सारे वेदों की जननी है। मंत्र में शब्दों को इस तरह व्यवस्थित किया गया है कि यह मन, आत्मा और शरीर पर एक शक्तिशाली प्रभाव पैदा करता है। इस मंत्र के फायदे हैं:
- श्वसन पद्धति में सुधार लाता है
- तंत्रिका तंत्र और हृदय को मजबूत करता है
- तनाव कम करता है और सीखने की क्षमता में विकास लाता है
- जीवन में समृद्धि और सफलता लाता है
शिव पञ्चाक्षरी मन्त्र
यह स्वास्थ्य के लिए लाभकारी मंत्र है ।
ॐ नमः शिवाय।
अर्थ:
शिव को श्रद्धापूर्वक नमस्कार।
महत्त्व:
यह मंत्र शिव, जो त्रि-शक्ति का अभिन्न अंग हैं जिसमें ब्रह्मा और विष्णु भी सम्मिलित हैं, पर केन्द्रित है। इस मंत्रोच्चार का ऐसा प्रभाव है कि मंत्र का अंतिम शब्दांश शिव-चेतना का द्वार है, जो अंत से एक नए आरम्भ की ओर अग्रसर करता है ।
इस मंत्र के उच्चारण के कई फायदे हैं:
महालक्ष्मी मन्त्र
यह मंत्र शिव, जो त्रि-शक्ति का अभिन्न अंग हैं जिसमें ब्रह्मा और विष्णु भी सम्मिलित हैं, पर केन्द्रित है। इस मंत्रोच्चार का ऐसा प्रभाव है कि मंत्र का अंतिम शब्दांश शिव-चेतना का द्वार है, जो अंत से एक नए आरम्भ की ओर अग्रसर करता है ।
इस मंत्र के उच्चारण के कई फायदे हैं:
- यह चेतना को अस्तित्व के नए आयामों में ले जाता है
- तनाव से मुक्ति में प्रभावकारी है
- शरीर की जैविक उर्जा को पुनर्जीवित करता है और साकारात्मक उर्जा के लिए रास्ते खोलता है
- शांति प्रदान करता है
महालक्ष्मी मन्त्र
सद्गुण, धन, इच्छापूर्ती और तरक्की के लिए महालक्ष्मी मन्त्र अति महत्त्वपूर्ण है।
अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती
भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम्।
अङ्गीकृताऽखिल-विभूतिरपाङ्गलीला
माङ्गल्यदाऽस्तु मम मङ्गळदेवतायाः ॥
अर्थ:
श्री हरि के शरीर में अतिविशिष्ट आभूषणों, जैसे मधुमक्खी जो पौधे के अधखिले फूल को आभूषित करती है, की तरह निवास करने वाली, और जिन्होंने ब्रह्माण्ड के पूर्ण वैभव को दैवत्व से अपने शरीर में समाहित कर रखा है, उसी दैवत्व से हमारे जीवन में मंगल प्रदान करने वाली आनन्दमयी माता लक्ष्मी को नमन ।
महत्त्व:
धन, समृद्धि, सुंदरता, यौवन और स्वास्थ्य के लिए प्रसिद्ध माता लक्ष्मी धन और आपसी सम्बंधों में मदद करती हैं।
अन्य फायदे:
माँ सरस्वती मन्त्र
अङ्गं हरेः पुलकभूषणमाश्रयन्ती
भृङ्गाङ्गनेव मुकुलाभरणं तमालम्।
अङ्गीकृताऽखिल-विभूतिरपाङ्गलीला
माङ्गल्यदाऽस्तु मम मङ्गळदेवतायाः ॥
अर्थ:
श्री हरि के शरीर में अतिविशिष्ट आभूषणों, जैसे मधुमक्खी जो पौधे के अधखिले फूल को आभूषित करती है, की तरह निवास करने वाली, और जिन्होंने ब्रह्माण्ड के पूर्ण वैभव को दैवत्व से अपने शरीर में समाहित कर रखा है, उसी दैवत्व से हमारे जीवन में मंगल प्रदान करने वाली आनन्दमयी माता लक्ष्मी को नमन ।
महत्त्व:
धन, समृद्धि, सुंदरता, यौवन और स्वास्थ्य के लिए प्रसिद्ध माता लक्ष्मी धन और आपसी सम्बंधों में मदद करती हैं।
अन्य फायदे:
- कार्य की सफलता में मदद मिलती है
- व्यवसायिकों को लाभ और ग्राहकों को आकर्षित करने में फायदा
- मन की शांति
- भाग्यशाली ऊर्जा का उदय होता है
माँ सरस्वती मन्त्र
ज्ञान और संगीत की देवी के रूप में जानी जाने वाली सरस्वती को ज्ञान और कला क्षेत्र में सफलता पाने के लिए प्रार्थना की जाती है।
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा माम् पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
अर्थ:
देवी सरस्वती को नमन जो चमेली की तरह पूर्ण सफ़ेद हैं, जो चन्द्रमा की तरह शीतल हैं, जिनमें बर्फ जैसी चमक है, जो मोतियों की माला की तरह कांतिवान हैं, जिनका वस्त्र सफ़ेद है, जिनके हाथ वीणा और वररूप वस्तुओं से सुसज्जित हैं, जिनकी स्तुति स्वयं ब्रह्मा, विष्णु, शिव और अन्य देव करते हैं । हे देवी सरस्वती! हमारी रक्षा करें और हमारे अज्ञान का निवारण करें।
महत्त्व:
सरस्वती मंत्र विद्यार्थियों और उन लोगों के लिए एक सार है जो कला सीख रहे हैं।
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना॥
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा माम् पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
अर्थ:
देवी सरस्वती को नमन जो चमेली की तरह पूर्ण सफ़ेद हैं, जो चन्द्रमा की तरह शीतल हैं, जिनमें बर्फ जैसी चमक है, जो मोतियों की माला की तरह कांतिवान हैं, जिनका वस्त्र सफ़ेद है, जिनके हाथ वीणा और वररूप वस्तुओं से सुसज्जित हैं, जिनकी स्तुति स्वयं ब्रह्मा, विष्णु, शिव और अन्य देव करते हैं । हे देवी सरस्वती! हमारी रक्षा करें और हमारे अज्ञान का निवारण करें।
महत्त्व:
सरस्वती मंत्र विद्यार्थियों और उन लोगों के लिए एक सार है जो कला सीख रहे हैं।
इस मंत्रोच्चार के अन्य फायदे:
- अज्ञान समाप्त करना
- एकाग्रचित होने में फायदा
- सीखने की क्षमता में विकास
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