Vishwakarma Puja Vidhi and Mantra


Vishwakarma Puja Vidhi and Mantra..

सतयुग का 'स्वर्ग लोक', त्रेता युग की 'लंका', द्वापर की 'द्वारिका' और कलयुग के 'हस्तिनापुर' आदि के रचयिता विश्वकर्मा जी की पूजा अत्यन्त शुभकारी है। कहा जाता है कि भगवान विश्वकर्मा ने ही इन्द्रपुरी, यमपुरी, वरुणपुरी, कुबेरपुरी, पाण्डवपुरी, सुदामापुरी, शिवमण्डलपुरी आदि का निर्माण किया था. पुष्पक विमान का निर्माण तथा सभी देवों के भवन और उनके दैनिक उपयोग में आने वाली वस्तुएं भी भगवान विश्रकर्मा द्वारा ही बनाई गई हैं.

भगवान विश्वकर्मा की पूजा निम्नलिखित विधि विधान से करनी चाहिए. इस दिन प्रातः स्नान आदि करने के बाद पूजा स्थान पर बैठे।


इसके बाद विष्णु भगवान का ध्यान करनें के बाद हाथ में पुष्प, अक्षत लेकर-

ॐ आधार शक्तपे नम: और ॐ कूमयि नम:, ॐ अनन्तम नम:, ॐ पृथिव्यै नम: कहकर चारों ओर अक्षत छिड़के और पीली सरसों लेकर चारों दिशाओं को बांधे ।

अपने हाथ में रक्षासूत्र बांधे तथा पत्नी को भी बांधे। पुष्प जल पात्र में छोड़े।

इसके बाद हृदय में भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करें। रक्षा दीप जलाये, जल के साथ पुष्प एवं सुपारी लेकर संकल्प करें। शुद्ध भूमि पर अष्टदल (आठ पंखुड़ियों वाला) कमल बनाए। उस स्थान पर सात अनाज रखे। उस पर मिट्टी और तांबे का जल डाले।

ओम श्री श्रीष्टिनतया सर्वसिधहया विश्वकरमाया नामो नमः

इसके बाद पंचपल्लव (पाँच पेड़ो के पत्ते), सात प्रकार की मिट्टी, सुपारी, दक्षिणा कलश में डालकर कपड़े से कलश का ढ़क दें। चावल से भरा पात्र समर्पित कर ऊपर विश्वकर्मा भगवान की मूर्ति स्थापित करें और वरुण देव का आह्वान करें।


पुष्प चढ़ाकर कहें - हे विश्वकर्मा जी, इस मूर्ति में विराजिए और मेरी पूजा स्वीकार कीजिए।

ओम आधार शकतपे नमः
ओम कुमाई नमः
ओम अनंटम नमः
पृथ्वियई नमः

पूजन के बाद विविध प्रकार के औजारों और यंत्रों आदि की पूजा कर हवन यज्ञ करें और भगवान विश्वकर्मा जी की आरती करे.

हम सब उतारे आरती तुम्हारी हे, विश्वकर्मा, हे विश्वकर्मा
युग-युग से हम हैं तेरे पुजारी, हे विश्वकर्मा…..

मूढ़ अज्ञानी नादान हम हैं, पूजा विधि से अनजान हम हैं.
भक्ति का चाहते वरदान हम हैं, हे विश्वकर्मा……

निर्बल हैं तुझते बल मांगते हैं, करुणा का प्यास से जल मांगते हैं.
श्रद्धा का प्रभु जी फ़ल मांगते हैं, हे विश्वकर्मा……..

चरणों से हमको लगाये ही रखना, छाया में अपने छुपाये ही रखना.
धर्म का योगी बनाये ही रखना, हे विश्वकर्मा…..

सृष्टि में तेरा हे राज बाबा, भक्तों की रखना तुम राज बाबा.
धरना किसी का न मोहताज बाबा, हे विश्वकर्मा…..

धन, वैभव, सुख-शान्ति देना, भय, जन-जंजाल से मुक्ति देना.
संकट से लड़ने की शक्ति देना, हे विश्वकर्मा…….

तुम विश्वपालक, तुम विश्वकर्ता, तुम विश्वव्यापक तुम कष्ट हर्ता.
तुम ज्ञानदानी भण्ड़ार भर्ता, हे विश्वकर्मा…..

Comments

  1. सृष्टि निर्माता भगवान विश्वकर्मा की जय

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  2. 'top job gyan'very good information frinds ,apki post bhahut achhi lagi thanku frind'online job'

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